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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

तब सेवकन्ह सरस थलुदेखा। कीन्ह सुजल हित कूप बिसेषा॥ बिधि बस भयउ बिस्व उपकारू। सुगम अगम अति धरम बिचारू॥3॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

तब सेवकन्ह सरस थलुदेखा। कीन्ह सुजल हित कूप बिसेषा॥
बिधि बस भयउ बिस्व उपकारू। सुगम अगम अति धरम बिचारू॥3॥

भावार्थ:

तब (भरतजी के) सेवकों ने उस जलयुक्त स्थान को देखा और उस सुंदर (तीर्थों के) जल के लिए एक खास कुआँ बना लिया। दैवयोग से विश्वभर का उपकार हो गया। धर्म का विचार जो अत्यन्त अगम था, वह (इस कूप के प्रभाव से) सुगम हो गया॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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