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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

तापस नृप निज सखहि निहारी। हरषि मिलेउ उठि भयउ सुखारी॥ मित्रहि कहि सब कथा सुनाई। जातुधान बोला सुख पाई॥1॥

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चौपाई :

तापस नृप निज सखहि निहारी। हरषि मिलेउ उठि भयउ सुखारी॥
मित्रहि कहि सब कथा सुनाई। जातुधान बोला सुख पाई॥1॥

भावार्थ:

तपस्वी राजा अपने मित्र को देख प्रसन्न हो उठकर मिला और सुखी हुआ। उसने मित्र को सब कथा कह सुनाई, तब राक्षस आनंदित होकर बोला॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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