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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

तापस बेष जनक सिय देखी। भयउ पेमु परितोषु बिसेषी॥ पुत्रि पबित्र किए कुल दोऊ। सुजस धवल जगु कह सबु कोऊ॥1॥

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श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
द्वितीय सोपान | Descent Second
श्री अयोध्याकाण्ड | Shri Ayodhya-Kand

चौपाई

 तापस बेष जनक सिय देखी। भयउ पेमु परितोषु बिसेषी॥
पुत्रि पबित्र किए कुल दोऊ। सुजस धवल जगु कह सबु कोऊ॥1॥

भावार्थ:

सीताजी को तपस्विनी वेष में देखकर जनकजी को विशेष प्रेम और संतोष हुआ। (उन्होंने कहा-) बेटी! तूने दोनों कुल पवित्र कर दिए। तेरे निर्मल यश से सारा जगत उज्ज्वल हो रहा है, ऐसा सब कोई कहते हैं॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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