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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

ते अब फिरत बिपिन पदचारी। कंद मूल फल फूल अहारी॥ धिग कैकई अमंगल मूला। भइसि प्रान प्रियतम प्रतिकूला॥2॥

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चौपाई

ते अब फिरत बिपिन पदचारी। कंद मूल फल फूल अहारी॥
धिग कैकई अमंगल मूला। भइसि प्रान प्रियतम प्रतिकूला॥2॥

भावार्थ:

वही श्री रामचंद्रजी अब जंगलों में पैदल फिरते हैं और कंद-मूल तथा फल-फूलों का भोजन करते हैं। अमंगल की मूल कैकेयी धिक्कार है, जो अपने प्राणप्रियतम पति से भी प्रतिकूल हो गई॥2॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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