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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

दिगपालन्ह के लोक सुहाए। सूने सकल दसानन पाए॥ पुनि पुनि सिंघनाद करि भारी। देइ देवतन्ह गारि पचारी॥4॥

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चौपाई :

 दिगपालन्ह के लोक सुहाए। सूने सकल दसानन पाए॥
पुनि पुनि सिंघनाद करि भारी। देइ देवतन्ह गारि पचारी॥4॥

भावार्थ:

दिक्पालों के सारे सुंदर लोकों को रावण ने सूना पाया। वह बार-बार भारी सिंहगर्जना करके देवताओं को ललकार-ललकारकर गालियाँ देता था॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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