देखे जहँ जहँ रघुपति जेते। सक्तिन्ह सहित सकल सुर तेते॥ जीव चराचर जो संसारा। देखे सकल अनेक प्रकारा॥1॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई 54.1 | Caupāī 54.1
देखे जहँ जहँ रघुपति जेते। सक्तिन्ह सहित सकल सुर तेते॥
जीव चराचर जो संसारा। देखे सकल अनेक प्रकारा॥1॥
भावार्थ:-सतीजी ने जहाँ-जहाँ जितने रघुनाथजी देखे, शक्तियों सहित वहाँ उतने ही सारे देवताओं को भी देखा। संसार में जो चराचर जीव हैं, वे भी अनेक प्रकार के सब देखे॥1॥
dēkhē jahaom tahaom raghupati jētē. saktinha sahita sakala sura tētē..
jīva carācara jō saṃsārā. dēkhē sakala anēka prakārā..
Each separate vision of Rama was attended by a whole host of gods with their feminine counterparts, as well as by the whole animate and inanimate creation with its multitudinous species.