देखे सिव बिधि बिष्नु अनेका। अमित प्रभाउ एक तें एका॥ बंदत चरन करत प्रभु सेवा। बिबिध बेष देखे सब देवा॥4॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई 53.4 | Caupāī 53.4
देखे सिव बिधि बिष्नु अनेका। अमित प्रभाउ एक तें एका॥
बंदत चरन करत प्रभु सेवा। बिबिध बेष देखे सब देवा॥4॥
भावार्थ:-सतीजी ने अनेक शिव, ब्रह्मा और विष्णु देखे, जो एक से एक बढ़कर असीम प्रभाव वाले थे। (उन्होंने देखा कि) भाँति-भाँति के वेष धारण किए सभी देवता श्री रामचन्द्रजी की चरणवन्दना और सेवा कर रहे हैं॥4॥
dēkhē siva bidhi biṣnu anēkā. amita prabhāu ēka tēṃ ēkā..
baṃdata carana karata prabhu sēvā. bibidha bēṣa dēkhē saba dēvā..
Sati saw more than one sets of Siva, Brahma and Vishnu, each set possessing a glory infinitely greater than that of the others. She also beheld a whole host of gods bowing at the Lord’s feet and waiting upon Him in their different garbs.