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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

देह दिनहुँ दिन दूबरि होई। घटइ तेजु बलु मुखछबि सोई॥ नित नव राम प्रेम पनु पीना। बढ़त धरम दलु मनु न मलीना॥1॥

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चौपाई

देह दिनहुँ दिन दूबरि होई। घटइ तेजु बलु मुखछबि सोई॥
नित नव राम प्रेम पनु पीना। बढ़त धरम दलु मनु न मलीना॥1॥

भावार्थ:

भरतजी का शरीर दिनों-दिन दुबला होता जाता है। तेज (अन्न, घृत आदि से उत्पन्न होने वाला मेद*) घट रहा है। बल और मुख छबि (मुख की कान्ति अथवा शोभा) वैसी ही बनी हुई है। राम प्रेम का प्रण नित्य नया और पुष्ट होता है, धर्म का दल बढ़ता है और मन उदास नहीं है (अर्थात प्रसन्न है)॥1॥

संस्कृत कोष में ‘तेज’ का अर्थ मेद मिलता है और यह अर्थ लेने से ‘घटइ’ के अर्थ में भी किसी प्रकार की खींच-तान नहीं करनी पड़ती।

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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