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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मासपारायण पाठ

निगम नीति कुल रीति करि अरघ पाँवड़े देत। बधुन्ह सहित सुत परिछि सब चलीं लवाइ निकेत॥349॥

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दोहा : 

निगम नीति कुल रीति करि अरघ पाँवड़े देत।
बधुन्ह सहित सुत परिछि सब चलीं लवाइ निकेत॥349॥

भावार्थ:

वेद की विधि और कुल की रीति करके अर्घ्य-पाँवड़े देती हुई बहुओं समेत सब पुत्रों को परछन करके माताएँ महल में लिवा चलीं॥349॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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