पिता भवन उत्सव परम जौं प्रभु आयसु होइ। तौ मैं जाउँ कृपायतन सादर देखन सोइ॥61॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
दोहा (61) | Dohas (61)
पिता भवन उत्सव परम जौं प्रभु आयसु होइ।
तौ मैं जाउँ कृपायतन सादर देखन सोइ॥61॥
भावार्थ:-हे प्रभो! मेरे पिता के घर बहुत बड़ा उत्सव है। यदि आपकी आज्ञा हो तो हे कृपाधाम! मैं आदर सहित उसे देखने जाऊँ॥61॥
pitā bhavana utsava parama jauṃ prabhu āyasu hōi.
tau mai jāuom kṛpāyatana sādara dēkhana sōi..61..
There is great rejoicing at my father’s house, O Lord. If You grant me leave, I would fain go and see it, O storehouse of compassion.