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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

प्रभुहि चितइ पुनि चितव महि राजत लोचन लोल। खेलत मनसिज मीन जुग जनु बिधु मंडल डोल॥258॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kand

दोहा : 

प्रभुहि चितइ पुनि चितव महि राजत लोचन लोल।
खेलत मनसिज मीन जुग जनु बिधु मंडल डोल॥258॥

भावार्थ:

प्रभु श्री रामचन्द्रजी को देखकर फिर पृथ्वी की ओर देखती हुई सीताजी के चंचल नेत्र इस प्रकार शोभित हो रहे हैं, मानो चन्द्रमंडल रूपी डोल में कामदेव की दो मछलियाँ खेल रही हों॥258॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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