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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

भरतकूप अब कहिहहिं लोगा। अति पावन तीरथ जल जोगा॥ प्रेम सनेम निमज्जत प्रानी। होइहहिं बिमल करम मन बानी॥4॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

भरतकूप अब कहिहहिं लोगा। अति पावन तीरथ जल जोगा॥
प्रेम सनेम निमज्जत प्रानी। होइहहिं बिमल करम मन बानी॥4॥

भावार्थ:

अब इसको लोग भरतकूप कहेंगे। तीर्थों के जल के संयोग से तो यह अत्यन्त ही पवित्र हो गया। इसमें प्रेमपूर्वक नियम से स्नान करने पर प्राणी मन, वचन और कर्म से निर्मल हो जाएँगे॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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