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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

भरत बचन सुनि देखि सुभाऊ। सहित समाज सराहत राऊ॥ सुगम अगम मृदु मंजु कठोरे। अरथु अमित अति आखर थोरे॥1॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

भरत बचन सुनि देखि सुभाऊ। सहित समाज सराहत राऊ॥
सुगम अगम मृदु मंजु कठोरे। अरथु अमित अति आखर थोरे॥1॥

भावार्थ:

भरतजी के वचन सुनकर और उनका स्वभाव देखकर समाज सहित राजा जनक उनकी सराहना करने लगे। भरतजी के वचन सुगम और अगम, सुंदर, कोमल और कठोर हैं। उनमें अक्षर थोड़े हैं, परन्तु अर्थ अत्यन्त अपार भरा हुआ है॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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