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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

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मन मुसुकाइ भानुकुल भानू। रामु सहज आनंद निधानू॥ बोले बचन बिगत सब दूषन। मृदु मंजुल जनु बाग बिभूषन॥3॥

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चौपाई

मन मुसुकाइ भानुकुल भानू। रामु सहज आनंद निधानू॥
बोले बचन बिगत सब दूषन। मृदु मंजुल जनु बाग बिभूषन॥3॥

भावार्थ:

सूर्यकुल के सूर्य, स्वाभाविक ही आनंदनिधान श्री रामचन्द्रजी मन में मुस्कुराकर सब दूषणों से रहित ऐसे कोमल और सुंदर वचन बोले जो मानो वाणी के भूषण ही थे-॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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