रन सोभा लगि प्रभुहिं बँधायो। नागपास देवन्ह भय पायो॥7॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
षष्ठः सोपानः | Descent 6th
श्री लंकाकाण्ड | Shri Lanka Kand
चौपाई :
रन सोभा लगि प्रभुहिं बँधायो। नागपास देवन्ह भय पायो॥7॥
भावार्थ:
रण की शोभा के लिए प्रभु ने अपने को नागपाश में बाँध लिया, किन्तु उससे देवताओं को बड़ा भय हुआ॥7॥
IAST :
Meaning :