राम निकाईं रावरी है सबही को नीक। जौं यह साँची है सदा तौ नीको तुलसीक॥29 ख॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
दोहा 29 (ख)| |Dohas 29 (kha)
राम निकाईं रावरी है सबही को नीक।
जौं यह साँची है सदा तौ नीको तुलसीक॥29 ख॥
भावार्थ:-हे श्री रामजी! आपकी अच्छाई से सभी का भला है (अर्थात आपका कल्याणमय स्वभाव सभी का कल्याण करने वाला है) यदि यह बात सच है तो तुलसीदास का भी सदा कल्याण ही होगा॥29 (ख)॥
rāma nikāīṃ rāvarī hai sabahī kō nīka.
jōṃ yaha sāomcī hai sadā tau nīkō tulasīka..29kha..
Your goodness, O Rama, is beneficent to all; if this is a fact, Tulasidasa too will be blessed by the same.