Spread the Glory of Sri SitaRam!
यमुना-स्तुति
राग बिलावल
२१
जमुना यों ज्यों ज्यों लागी बाढ़न।
त्यों त्यों सुकृत-सुभट कलि भूपहिं, निदरि लगे बहु काढ़न ॥ १ ॥
ज्यों ज्यों जल मलीन त्यों त्यों जमगन मुख मलीन लहै आढ़ न।
तुलसिदास जगदघ जवास ज्यों अनघमेघ लगे डाढ़न ॥ २ ॥
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