RamCharitManas (RamCharit.in)

इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

हरिशंकरी पद

Spread the Glory of Sri SitaRam!

हरिशंकरी पद

४९

देव-

दनुज-बन-दहन, गुन-गहन, गोविंद नंदादि-आनंद-दाताऽविनाशी.

शंभु, शिव, रुद्र, शंकर, भयंकर, भीम, घोर, तेजायतन, क्रोध-राशी ||१ ||

अनँत, भगवंत-जगदंत-अंतक-त्रास-शमन, श्रीरमन, भुवनाभिरामं.

भूधराधीश जगदीश ईशान, विज्ञानघन, ज्ञान-कल्यान-धामं ||२ ||

वामनाव्यक्त, पावन, परावर, विभो, प्रकट परमातमा, प्रकृति-स्वामी.

चंद्रशेखर, शूलपाणि, हर, अनघ, अज, अमित, अविछिन्न, वृशभेश-गामी ||३ ||

नीलजलदाभ तनु श्याम, बहु काम छवि राम राजीवलोचन कृपाला.

कबुं-कर्पूर-वपु धवल, निर्मल मौलि जटा, सुर-तटिनि, सित सुमन माला ||४ ||

वसन किंजल्कधर, चक्र-सारंग-दर-कंज-कौमोदकी अति विशाला.

मार-करि-मत्त-मृगराज, त्रैनैन, हर, नौमि अपहरण संसार-जाला ||५ ||

कृष्ण, करुणाभवन, दवन कालीय खल, विपुल कंसादि निर्वशकारी.

त्रिपुर-मद-भंगकर, मत्तगज-चर्मधर, अन्धकोरग-ग्रसन पन्नगारी ||६ ||

ब्रह्म, व्यापक, अकल, सकल, पर, परमहित, ग्यान, गोतीत, गुण-वृत्ति-हर्त्ता.

सिंधुसुत-गर्व-गिरि-वज्र, गौरीश, भव दक्ष-मख अखिल विध्वंसकर्त्ता ||७ ||

भक्तिप्रिय, भक्तजन-कामधुक धेनु, हरि हरण दुर्घट विकट विपति भारी.

सुखद, नर्मद, वरद, विरज, अनवघ्यऽखिल, विपिन-आनंद-वीथिन-विहारी

रुचिर हरिशंकरी नाम-मंत्रावली द्वंद्वदुख हरनि, आनंदखानी.

विष्णु-शिव-लोक-सोपान-सम सर्वदा वदति तुलसीदास विशद बानी ||८ ||


Spread the Glory of Sri SitaRam!

Shiv

शिव RamCharit.in के प्रमुख आर्किटेक्ट हैं एवं सनातन धर्म एवं संस्कृत के सभी ग्रंथों को इंटरनेट पर निःशुल्क और मूल आध्यात्मिक भाव के साथ कई भाषाओं में उपलब्ध कराने हेतु पिछले 8 वर्षों से कार्यरत हैं। शिव टेक्नोलॉजी पृष्ठभूमि के हैं एवं सनातन धर्म हेतु तकनीकि के लाभकारी उपयोग पर कार्यरत हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सत्य सनातन फाउंडेशन (रजि.) भारत सरकार से स्वीकृत संस्था है। हिन्दू धर्म के वैश्विक संवर्धन-संरक्षण व निःशुल्क सेवाकार्यों हेतु आपके आर्थिक सहयोग की अति आवश्यकता है! हम धर्मग्रंथों को अनुवाद के साथ इंटरनेट पर उपलब्ध कराने हेतु अग्रसर हैं। कृपया हमें जानें और सहयोग करें!

X
error: