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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सती बिधात्री इंदिरा देखीं अमित अनूप। जेहिं जेहिं बेष अजादि सुर तेहि तेहि तन अनुरूप॥54॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
दोहा 54 | Dohas 54

सती बिधात्री इंदिरा देखीं अमित अनूप।
जेहिं जेहिं बेष अजादि सुर तेहि तेहि तन अनुरूप॥54॥

भावार्थ:-उन्होंने अनगिनत अनुपम सती, ब्रह्माणी और लक्ष्मी देखीं। जिस-जिस रूप में ब्रह्मा आदि देवता थे, उसी के अनुकूल रूप में (उनकी) ये सब (शक्तियाँ) भी थीं॥54॥

satī bidhātrī iṃdirā dēkhīṃ amita anūpa.
jēhiṃ jēhiṃ bēṣa ajādi sura tēhi tēhi tana anurūpa..54..

She further perceived innumerable Satss (consorts of Siva), consorts of Brahma and Lakshmi (consorts of Visnu), all peerless in beauty. They conformed in their appearance to the garb in which Brahma and the other gods appeared.


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