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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

 सदगुर ग्यान बिराग जोग के। बिबुध बैद भव भीम रोग के॥ जननि जनक सिय राम प्रेम के। बीज सकल ब्रत धरम नेम के॥2॥

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श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई 31.2|  |Caupāī 31.2

 सदगुर ग्यान बिराग जोग के। बिबुध बैद भव भीम रोग के॥
जननि जनक सिय राम प्रेम के। बीज सकल ब्रत धरम नेम के॥2॥


भावार्थ:-ज्ञान, वैराग्य और योग के लिए सद्गुरु हैं और संसार रूपी भयंकर रोग का नाश करने के लिए देवताओं के वैद्य (अश्विनीकुमार) के समान हैं। ये श्री सीतारामजी के प्रेम के उत्पन्न करने के लिए माता-पिता हैं और सम्पूर्ण व्रत, धर्म और नियमों के बीज हैं॥2॥

 

sadagura gyāna birāga jōga kē. bibudha baida bhava bhīma rōga kē..
janani janaka siya rāma prēma kē. bīja sakala brata dharama nēma kē..

They are true teachers of wisdom, dispassion and Yoga (contemplative union with (God) and celestial physicians (Asvinikumaras) for the fell disease of metempsychosis; parents of devotion to Sita and Rama and the seed of all holy vows, practices and observances;


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