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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सरुज सरीर बादि बहु भोगा। बिनु हरिभगति जायँ जप जोगा॥ जायँ जीव बिनु देह सुहाई। बादि मोर सबु बिनु रघुराई॥3॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

सरुज सरीर बादि बहु भोगा। बिनु हरिभगति जायँ जप जोगा॥
जायँ जीव बिनु देह सुहाई। बादि मोर सबु बिनु रघुराई॥3॥

भावार्थ:

रोगी शरीर के लिए नाना प्रकार के भोग व्यर्थ हैं। श्री हरि की भक्ति के बिना जप और योग व्यर्थ हैं। जीव के बिना सुंदर देह व्यर्थ है, वैसे ही श्री रघुनाथजी के बिना मेरा सब कुछ व्यर्थ है॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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