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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सिंघासन बैठेउ सिर नाई। मानहुँ संपति सकल गँवाई॥ जगदातमा प्रानपति रामा। तासु बिमुख किमि लह बिश्रामा॥3॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई : 

सिंघासन बैठेउ सिर नाई। मानहुँ संपति सकल गँवाई॥
जगदातमा प्रानपति रामा। तासु बिमुख किमि लह बिश्रामा॥3॥

भावार्थ:

वह सिर नीचा करके सिंहासन पर जा बैठा। मानो सारी सम्पत्ति गँवाकर बैठा हो। श्री रामचंद्रजी जगत्‌भर के आत्मा और प्राणों के स्वामी हैं। उनसे विमुख रहने वाला शांति कैसे पा सकता है?॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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