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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सीयँ असीस दीन्हि मन माहीं। मनग सनेहँ देह सुधि नाहीं॥ सब बिधि सानुकूल लखि सीता। भे निसोच उर अपडर बीता॥3॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

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श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
द्वितीय सोपान | Descent Second
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चौपाई

सीयँ असीस दीन्हि मन माहीं। मनग सनेहँ देह सुधि नाहीं॥
सब बिधि सानुकूल लखि सीता। भे निसोच उर अपडर बीता॥3॥

भावार्थ:

सीताजी ने मन ही मन आशीर्वाद दिया, क्योंकि वे स्नेह में मग्न हैं, उन्हें देह की सुध-बुध नहीं है। सीताजी को सब प्रकार से अपने अनुकूल देखकर भरतजी सोचरहित हो गए और उनके हृदय का कल्पित भय जाता रहा॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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