RamCharitManas (RamCharit.in)

इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सुनु नृप बिबिध जतन जग माहीं। कष्टसाध्य पुनि होहिं कि नाहीं॥ अहइ एक अति सुगम उपाई। तहाँ परन्तु एक कठिनाई॥1॥

Spread the Glory of Sri SitaRam!

श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kand

चौपाई :

सुनु नृप बिबिध जतन जग माहीं। कष्टसाध्य पुनि होहिं कि नाहीं॥
अहइ एक अति सुगम उपाई। तहाँ परन्तु एक कठिनाई॥1॥

भावार्थ:

(तपस्वी ने कहा-) हे राजन्‌ !सुनो, संसार में उपाय तो बहुत हैं, पर वे कष्ट साध्य हैं (बड़ी कठिनता से बनने में आते हैं) और इस पर भी सिद्ध हों या न हों (उनकी सफलता निश्चित नहीं है) हाँ, एक उपाय बहुत सहज है, परन्तु उसमें भी एक कठिनता है॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


Spread the Glory of Sri SitaRam!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

कृपया इस डिजिटल मंदिर निर्माण हेतु हमारा आर्थिक सहयोग करें! सत्य सनातन फाउंडेशन (रजि.) सरकार से स्वीकृत संस्था है। हिन्दू धर्म के संरक्षण व निःशुल्क सेवाकार्यों हेतु आपके आर्थिक सहयोग की अति आवश्यकता है।

X
error: