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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सुभ अरु असुभ सलिल सब बहई। सुरसरि कोउ अपुनीत न कहई॥subha aru asubha salila saba bahai| surasari kou apunita na kahai||

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई (68.4) | Caupāī (68.4)

सुभ अरु असुभ सलिल सब बहई। सुरसरि कोउ अपुनीत न कहई॥
समरथ कहुँ नहिं दोषु गोसाईं। रबि पावक सुरसरि की नाईं॥4॥

भावार्थ:

गंगाजी में शुभ और अशुभ सभी जल बहता है, पर कोई उन्हें अपवित्र नहीं कहता। सूर्य, अग्नि और गंगाजी की भाँति समर्थ को कुछ दोष नहीं लगता॥4॥

English:

subha aru asubha salila saba bahai| surasari kou apunita na kahai||
samaratha kahum nahim doshu gosaim| rabi pavaka surasari ki naim||4||

IAST:

subha aru asubha salila saba bahaī. surasari kōu apunīta na kahaī..
samaratha kahuom nahiṃ dōṣu gōsāī. rabi pāvaka surasari kī nāī..

Meaning:

Again, water of every description, pure as well as impure, flows into the Ganga; yet no one calls the heavenly stream impure. Even like the sun, fire and the Ganga, the mighty incur no blame.

 


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