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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सोवत प्रभुहि निहारि निषादू। भयउ प्रेम बस हृदयँ बिषादू॥ तनु पुलकित जलु लोचन बहई। बचन सप्रेम लखन सन कहई॥3॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

सोवत प्रभुहि निहारि निषादू। भयउ प्रेम बस हृदयँ बिषादू॥
तनु पुलकित जलु लोचन बहई। बचन सप्रेम लखन सन कहई॥3॥

भावार्थ:

प्रभु को जमीन पर सोते देखकर प्रेम वश निषाद राज के हृदय में विषाद हो आया। उसका शरीर पुलकित हो गया और नेत्रों से (प्रेमाश्रुओं का) जल बहने लगा। वह प्रेम सहित लक्ष्मणजी से वचन कहने लगा-॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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