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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

सो गोसाइँ नहिं दूसर कोपी। भुजा उठाइ कहउँ पन रोपी॥ पसु नाचत सुक पाठ प्रबीना। गुन गति नट पाठक आधीना॥4॥

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चौपाई

सो गोसाइँ नहिं दूसर कोपी। भुजा उठाइ कहउँ पन रोपी॥
पसु नाचत सुक पाठ प्रबीना। गुन गति नट पाठक आधीना॥4॥

भावार्थ:

मैं भुजा उठाकर और प्रण रोपकर (बड़े जोर के साथ) कहता हूँ, ऐसा स्वामी आपके सिवा दूसरा कोई नहीं है। (बंदर आदि) पशु नाचते और तोते (सीखे हुए) पाठ में प्रवीण हो जाते हैं, परन्तु तोते का (पाठ प्रवीणता रूप) गुण और पशु के नाचने की गति (क्रमशः) पढ़ाने वाले और नचाने वाले के अधीन है॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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