हम सब सेवक अति बड़भागी। संतत सगुन ब्रह्म अनुरागी॥7॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
चतुर्थ: सोपान | Descent 4th
श्री किष्किंधाकांड | Shri kishkindha-Kand
चौपाई :
हम सब सेवक अति बड़भागी।
संतत सगुन ब्रह्म अनुरागी॥7॥
भावार्थ:
हम सब सेवक अत्यंत बड़भागी हैं, जो निरंतर सगुण ब्रह्म (श्री रामजी) में प्रीति रखते हैं॥7॥
English :
IAST :
Meaning :