छल करि टारेउ तासु ब्रत प्रभु सुर कारज कीन्ह। जब तेहिं जानेउ मरम तब श्राप कोप करि दीन्ह॥123॥
Spread the Glory of Sri SitaRam!श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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