हरषित गुर परिजन अनुज भूसुर बृंद समेत। चले भरत मन प्रेम अति सन्मुख कृपानिकेत॥3 क॥
Spread the Glory of Sri SitaRam!श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
Read More