भरत चरन सिरु नाइ तुरित गयउ कपि राम पहिं। कही कुसल सब जाइ हरषि चलेउ प्रभु जान चढ़ि॥2 ख॥
Spread the Glory of Sri SitaRam!श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
Read More