अति प्रिय मोहि इहाँ के बासी। मम धामदा पुरी सुख रासी॥ हरषे सब कपि सुनि प्रभु बानी। धन्य अवध जो राम बखानी॥4॥
Spread the Glory of Sri SitaRam!श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
Read More