श्रीमद् भागवत महापुराण माहात्म्य अध्याय 2: भक्ति का दुःख दूर करने के लिये नारदजी का उद्योग
Spread the Glory of Sri SitaRam!श्रीमद्भागवतमाहात्म्यम् कृष्णं नारायणं वन्दे कृष्णं वन्दे व्रजप्रियम्। कृष्णं द्वैपायनं वन्दे कृष्णं वन्दे पृथासुतम्॥ अथ द्वितीयोऽध्यायः
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