सरसक्ति तोमर परसु सूल कृपान एकहि बारहीं। करि कोप श्री रघुबीर पर अगनित निसाचर डारहीं॥ प्रभु निमिष महुँ रिपु सर निवारि पचारि डारे सायका। दस दस बिसिख उर माझ मारे सकल निसिचर नायका॥3॥
Spread the Glory of Sri SitaRam!श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
Read More