परमेश्वर स्तोत्रम् हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित | Parmeshwar Stotram Lyrics in Sanskrit Hindi English
परमेश्वर स्तोत्रम् हिंदी अंग्रेजी अर्थ सहित
जगदीश सुधीश भवेश
विभो परमेश परात्पर पूत पितः।
प्रणतं पतितं हतबुद्धिबलं
जनतारण तारय तापितकम्॥१॥
jagadīśa sudhīśa bhaveśa vibho
parameśa parātpara pūta pitaḥ।
praṇataṃ patitaṃ hatabuddhibalaṃ
janatāraṇa tāraya tāpitakam॥1॥
हे जगदीश! हे सुमतियों के स्वामी! हे विश्वेश! हे सर्वव्यापिन् ! हे परमेश्वर! हे प्रकृति आदि से अतीत ! हे परमपावन! हे पितः! हे जीवों का निस्तार करने वाले! इस शरणागत, पतित और बुद्धि-बल से हीन संसारसन्तप्त दास का उद्धार कीजिये॥१॥
Hey Lord of universe, Hey Lord of good people,Hey source of everything, Hey supreme one,Hey primeval God, Hey very holy one, Hey son, Hey father,I pray, take care of this sinner who lacks wisdom and strength,And help me cross this painful life which is difficult to cross.
गुणहीनसुदीनमलीनमतिं
त्वयि पातरि दातरि चापरतिम्।
तमसा रजसावृतवृत्तिमिमं।
जनतारण तारय तापितकम्॥२॥
guṇahīnasudīnamalīnamatiṃ
tvayi pātari dātari cāparatim।
tamasā rajasāvṛtavṛttimimaṃ।
janatāraṇa tāraya tāpitakam॥2॥
जो सर्वथा गुणहीन, अत्यन्त दीन और मलिनमति है तथा अपने रक्षक और दाता आप से परामख है, हे जीवों का निस्तार करने वाले! इस संसारसन्तप्त उस तामस-राजसवृत्तिवाले दास का आप उद्धार कीजिये॥ २॥
Oh God who helps people to cross this life,Please help me, who am troubled by this life Who does not have good qualities, who is miserable,Who possesses a very dirty mind,And who has base and egoistic personality,To cross this life though I am,Far away from your protective and endowing glance.
मम जीवनमीनमिमं पतितं
मरुघोरभुवीह सुवीहमहो।
करुणाब्धिचलोर्मिजलानयनं।
जनतारण तारय तापितकम्॥३॥
mama jīvanamīnamimaṃ patitaṃ
marughorabhuvīha suvīhamaho।
karuṇābdhicalormijalānayanaṃ।
janatāraṇa tāraya tāpitakam॥3॥
हे जीवों का निस्तार करने वाले! इस भयानक मरुभूमि में पड़कर नितान्त निश्चेष्ट हुए मेरे इस अति सन्तप्त जीवनरूप मीन का अपने करुणावारिधि की चंचल तरंगों का जल लाकर उद्धार कीजिये॥३॥
Oh God who helps people to cross this life,I am a fish which has fallen in the arid desert of life,And you can save me by a mere glance,Of your eyes which are the ocean of mercy,And so please help me to cross this trouble giving life.
भववारण कारण कर्मततौ
भवसिन्धुजले शिव मग्नमतः।
करुणाञ्च समर्प्य तरिं त्वरितं।
जनतारण तारय तापितकम्॥४॥
bhavavāraṇa kāraṇa karmatatau
bhavasindhujale śiva magnamataḥ।
karuṇāñca samarpya tariṃ tvaritaṃ।
janatāraṇa tāraya tāpitakam॥4॥
अतः हे संसार की निवृत्ति करने वाले! हे कर्मविस्तार के कारणस्वरूप! हे कल्याणमय! हे जीवों का निस्तार करने वाले! संसारसमुद्र के जल में डूबकर सन्तप्त होते हुए इस दास को अपनी करुणारूप नौका समर्पण करके यहाँ से तुरंत उद्धार कीजिये॥४॥
Oh God who helps people to cross this day to day life,Oh destroyer of universe and who is the cause of that universe,
I am drowned in this ocean of day to day life, Oh Lord Shiva,And so please speedily give me the boat of your mercy,
And so please help me to cross this trouble giving life.
Parmeshwar Stotram Lyrics in Sanskrit Hindi English
अतिनाश्य जनुर्मम पुण्यरुचे
दुरितौघभरैः परिपूर्णभुवः।
सुजघन्यमगण्यमपुण्यरुचिं।
जनतारण तारय तापितकम्॥५॥
atināśya janurmama puṇyaruce
duritaughabharaiḥ paripūrṇabhuvaḥ।
sujaghanyamagaṇyamapuṇyaruciṃ।
janatāraṇa tāraya tāpitakam॥5॥
हे पुण्यरुचे! हे जीवोद्धारक! जिसकी पापराशि के भार से पृथ्वी परिपूर्ण है, ऐसे मुझ नीच के जन्म को सदा के लिये मिटाकर मुझ अत्यन्त निन्दनीय, नगण्य, पाप में रुचि रखने वाले और संसार के दुःखों से दुःखित का उद्धार कीजिये॥५॥
Oh God who helps people to cross this day to day life,Oh God who appreciates good acts, quickly destroy my life,
Which has filled the earth with huge amount of sins committed,Due to my infinite interest in evil and sin, all my life.
भवकारक नारकहारक
हे भवतारक पातकदारक हे।
हर शङ्कर किङ्करकर्मचयं।
जनतारण तारय तापितकम्॥६॥
bhavakāraka nārakahāraka
he bhavatāraka pātakadāraka he।
hara śaṅkara kiṅkarakarmacayaṃ।
janatāraṇa tāraya tāpitakam॥6॥
हे जगत्कर्ता! हे नारकीय यन्त्रणाओं का अपहरण करने वाले! हे संसार का उद्धार करने वाले! हे पापराशि को विदीर्ण करने वाले! हे शंकर! इस दास की कर्मराशि का हरण कीजिये और हे जीवों का निस्तार करने वाले! इस संसारसन्तप्त जन का उद्धार कीजिये॥६॥
Oh God who helps people to cross this day to day life,Oh God who appreciates good acts, quickly destroy my life,
Which has filled the earth with huge amount of sins committed,Due to my infinite interest in evil and sin, all my life. Who is the destroyer of the world and who uplifts sinners,Oh God Shankara, please save this, your slave from his existence.
तृषितश्चिरमस्मि सुधां हित
मेऽच्युत चिन्मय देहि वदान्यवर।।
अतिमोहवशेन विनष्टकृतं।
जनतारण तारय तापितकम्॥७॥
tṛṣitaściramasmi sudhāṃ hita
me’cyuta cinmaya dehi vadānyavara।।
atimohavaśena vinaṣṭakṛtaṃ।
janatāraṇa tāraya tāpitakam॥7॥
हे अच्युत! हे चिन्मय! हे उदारचूडामणि! हे कल्याणस्वरूप! मैं अत्यन्त तृषित हूँ, मुझे ज्ञानरूप अमृत का पान कराइये। मैं अत्यन्त मोह के वशीभूत होकर नष्ट हो रहा हूँ। हे जीवों का उद्धार करने वाले! मुझ संसारसन्तप्त को पार लगाइये॥७॥
Oh God who helps people to cross this day to day life,I am very thirsty for life giving nectar of knowledge,Oh infallible one, Oh blissful one, please give it to me,Who has lost everything due to a great delusion, Oh giver of boons.
प्रणमामि नमामि नमामि
भवं भवजन्मकृतिप्रणिषूदनकम्।
गुणहीनमनन्तमितं शरणं।
जनतारण तारय तापितकम्॥८॥
praṇamāmi namāmi namāmi
bhavaṃ bhavajanmakṛtipraṇiṣūdanakam।
guṇahīnamanantamitaṃ śaraṇaṃ।
janatāraṇa tāraya tāpitakam॥8॥
संसार में जन्मप्राप्ति के कारणभूत कर्मों का नाश करने वाले आपको मैं बारंबार प्रणाम और नमस्कार करता हूँ। हे जीवों का उद्धार करने वाले! आप निर्गुण और अनन्त की शरण को प्राप्त हुए इस संसारसन्तप्त जन का उद्धार कीजिये॥८॥
Oh God who helps people to cross this day to day life I bow to you, I salute you, and I salute the God who is the originator,Oh God who removes the fear in the mind of animals who are born,Oh God who is beyond qualities, Oh limitless one, I surrender to you.
इति परमेश्वरस्तोत्रं सम्पूर्णम्।
Ek Onkaar satnaam !
क्या हमें सायण का वेद भाष्य- मााघवीय बेदार्थ प्रकाश प्राप्त हो सकता है ?