श्रीमद् भागवत महापुराण दशम स्कन्ध (पूर्वार्ध) हिंदी अर्थ सहित | Srimad Bhagwat Mahapuran 10th Skandh (first half) with Hindi Meaning
श्रीमद् भागवत महापुराण दशम स्कन्ध (पूर्वार्ध) हिंदी अर्थ सहित
Srimad Bhagwat Mahapuran 10th Skandh (first half) with Hindi Meaning
॥ ॐ तत्सत्॥
॥ श्रीगणेशायः नमः॥
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥
अध्याय 1: भगवान् द्वारा पृथ्वी को आश्वासन, वसुदेव-देवकी का विवाह
अध्याय 2: भगवान् का गर्भ प्रवेश और देवताओं द्वारा गर्भस्तुति
अध्याय 3: भगवान् श्रीकृष्ण का प्राकट्य
अध्याय 4: योगमाया का आकाश में जाकर भविष्यवाणी करना
अध्याय 5: गोकुल में भगवान् का जन्म महोत्सव
अध्याय 6: पूतना- उद्धार
अध्याय 7: शकट-भंजन और तृणावर्त उद्धार
अध्याय 8: नामकरण संस्कार और बाललीला
अध्याय 9: श्रीकृष्णका ऊखलसे बाँधा जाना
अध्याय 10: यमलार्जुन का उद्धार
अध्याय 11: गोकुल से वृन्दावन जाना तथा वत्सासुर और बकासुर का उद्धार
अध्याय 12: अघासुर का उद्धार
अध्याय 13: ब्रह्माजी का मोह और उसका नाश
अध्याय 14: ब्रह्माजी के द्वारा भगवान्की स्तुति
अध्याय 15: धेनुकासुर का उद्धार और ग्वालबालों को कालिय नाग से बचाना
अध्याय 16: कालिय पर कृपा
अध्याय 17: कालिय के कालियदह में आने की कथा, व्रजवासियों को दावानल से बचाना
अध्याय 18: प्रलम्बासुर – उद्धार
अध्याय 19: गौओं और गोपों को दावानल से बचाना
अध्याय 20: वर्षा और शरद ऋतु का वर्णन
अध्याय 21: वेणुगीत
अध्याय 22: चीरहरण
अध्याय 23: यज्ञ पत्नियों पर कृपा
अध्याय 24: इन्द्रयज्ञ-निवारण
अध्याय 25: गोवर्धनधारण
अध्याय 26: नन्दबाबा से गोपों की श्रीकृष्ण के प्रभाव के विषय में बातचीत
अध्याय 27: श्रीकृष्ण का अभिषेक
अध्याय 28: वरुणलोक से नन्दजी को छुड़ाकर लाना
अध्याय 29: रासलीला का आरम्भ
अध्याय 30: श्रीकृष्ण के विरह में गोपियों की दशा
अध्याय 31: गोपिकागीत
अध्याय 32: भगवान् का प्रकट होकर गोपियों को सान्त्वना देना
अध्याय 33: महारास
अध्याय 34: सुदर्शन और शंखचूड का उद्धार
अध्याय 35: युगलगीत
अध्याय 36: अरिष्टासुर का उद्धार और कंस का श्री अक्रूरजी को व्रज में भेजना
अध्याय 37: केशी और व्योमासुर का उद्धार तथा नारदजी के द्वारा भगवान् की स्तुति
अध्याय 38: अक्रूरजी की व्रजयात्रा
अध्याय 39: श्रीकृष्ण-बलराम का मथुरागमन
अध्याय 40: अक्रूरजी के द्वारा भगवान् श्रीकृष्ण की स्तुति
अध्याय 41: श्रीकृष्ण का मथुरा जी में प्रवेश
अध्याय 42: कुब्जा पर कृपा, धनुषभंग और कंस की घबड़ाहट
अध्याय 43: कुवलयापीड़ का उद्धार और अखाड़े में प्रवेश
अध्याय 44: चाणूर, मुष्टिक आदि पहलवानों का तथा कंस का उद्धार
अध्याय 45: श्रीकृष्ण-बलराम का यज्ञोपवीत और गुरुकुल प्रवेश
अध्याय 46: उद्धव जी की व्रजयात्रा
अध्याय 47: उद्धव तथा गोपियोंकी बातचीत और भ्रमरगीत
अध्याय 48: भगवान् का कुब्जा और अक्रूरजी के घर जाना
अध्याय 49: अक्रूरजी का हस्तिनापुर जाना
Pingback: श्रीमद् भागवत महापुराण सम्पूर्ण हिंदी अर्थ सहित Shrimad Bhagwat Mahapuran
bahut sunder padhkar aanand aa gaya
Hello Shiv,
Your website has very rich and valuable content. Can you please offer an API for your website, so that LLMs can access the website more easily, and also pay back the website via API fees. I believe soon the revenue from API fees might be larger than the revenue from advertisements, and it will also make the website easier to read for normal users (esp. senior citizens).
Please feel free to reach out on email just in case if you need more information on how to do this or you can also look up on several youtube videos, e.g. on freecodecamp explaining this.
hi, pleas help