RamCharitManas (RamCharit.in)

इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

श्रीमद् भागवत महापुराण तृतीय स्कन्ध हिंदी अर्थ सहित

श्रीमद् भागवत महापुराण तृतीय स्कन्ध हिंदी अर्थ सहित | Srimad Bhagwat Mahapuran 3rd Skandh with Hindi Meaning

Spread the Glory of Sri SitaRam!

श्रीमद् भागवत महापुराण तृतीय स्कन्ध हिंदी अर्थ सहित

Srimad Bhagwat Mahapuran 3rd Skandh with Hindi Meaning

॥ ॐ तत्सत्॥
॥ श्रीगणेशायः नमः॥

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥

अध्याय 1: उद्धव और विदुरकी भेंट

अध्याय 2: उद्धवजी द्वारा भगवान की बाललीलाओं का वर्णन

अध्याय 3: भगवान्‌ के अन्य लीलाचरित्रों का वर्णन

अध्याय 4: उद्धवजी से विदा होकर विदुरजी का मैत्रेय ऋषि के पास जाना

अध्याय 5: विदुरजी का प्रश्न और मैत्रेयजी का सृष्टिक्रम वर्णन

अध्याय 6: विराट्‌ शरीर की उत्पत्ति

अध्याय 7: विदुरजी के प्रश्न

अध्याय 8: ब्रह्माजीकी उत्पत्ति

अध्याय 9: ब्रह्माजीद्वारा भगवान की स्तुति

अध्याय 10: दस प्रकार की सृष्टि का वर्णन

अध्याय 11: मन्वन्तरादि कालविभाग का वर्णन

अध्याय 12: सृष्टि का विस्तार

अध्याय 13: वाराह-अवतार की कथा

अध्याय 14: दिति का गर्भधारण

अध्याय 15: जय-विजयको सनकादि का शाप

अध्याय 16: जय-विजयका वैकुण्ठसे पतन

अध्याय 17: हिरण्यकशिपु और हिरण्याक्ष का जन्म तथा हिरण्याक्षकी दिग्विजय

अध्याय 18: हिरण्याक्ष के साथ वराह भगवान्‌ का युद्ध

अध्याय 19: हिरण्याक्ष-वध

अध्याय 20: ब्रह्माजीकी रची हुई अनेक प्रकारकी सृष्टिका वर्णन

अध्याय 21: कर्दमजी की तपस्या और भगवान्‌ का वरदान

अध्याय 22: देवहूति के साथ कर्दम प्रजापति का विवाह

अध्याय 23: कर्दम और देवहूति का विहार

अध्याय 24: श्री कपिलदेव जी का जन्म

अध्याय 25: देवहूति का प्रश्न तथा भगवान्‌ कपिल द्वारा भक्तियोग की महिमा का वर्णन

अध्याय 26: महदादि भिन्न-भिन्न तत्त्वों की उत्पत्ति का वर्णन

अध्याय 27: प्रकृति-पुरुष के विवेक से मोक्ष-प्राप्ति का वर्णन

अध्याय 28: अष्टांगयोग की विधि

अध्याय 29: भक्ति का मर्म और काल की महिमा

अध्याय 30: देह-गेह में आसक्त पुरुषों की अधोगति का वर्णन

अध्याय 31: मनुष्य योनि को प्राप्त हुए जीव की गति का वर्णन

अध्याय 32: अर्चिरादि मार्ग से जाने वालों की गति का और भक्तियोग की उत्कृष्टता 

अध्याय 33: देवहूति को तत्त्वज्ञान एवं मोक्षपद की प्राप्ति

 


Spread the Glory of Sri SitaRam!

Shiv

शिव RamCharit.in के प्रमुख आर्किटेक्ट हैं एवं सनातन धर्म एवं संस्कृत के सभी ग्रंथों को इंटरनेट पर निःशुल्क और मूल आध्यात्मिक भाव के साथ कई भाषाओं में उपलब्ध कराने हेतु पिछले 8 वर्षों से कार्यरत हैं। शिव टेक्नोलॉजी पृष्ठभूमि के हैं एवं सनातन धर्म हेतु तकनीकि के लाभकारी उपयोग पर कार्यरत हैं।

One thought on “श्रीमद् भागवत महापुराण तृतीय स्कन्ध हिंदी अर्थ सहित | Srimad Bhagwat Mahapuran 3rd Skandh with Hindi Meaning

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

उत्कृष्ट व निःशुल्क सेवाकार्यों हेतु आपके आर्थिक सहयोग की अति आवश्यकता है! आपका आर्थिक सहयोग हिन्दू धर्म के वैश्विक संवर्धन-संरक्षण में सहयोगी होगा। RamCharit.in व SatyaSanatan.com धर्मग्रंथों को अनुवाद के साथ इंटरनेट पर उपलब्ध कराने हेतु अग्रसर हैं। कृपया हमें जानें और सहयोग करें!

X
error: