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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

अति सप्रेम सिय पाँय परि बहुबिधि देहिं असीस। सदा सोहागिनि होहु तुम्ह जब लगि महि अहि सीस॥117

Spread the Glory of Sri SitaRam!

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दोहा

अति सप्रेम सिय पाँय परि बहुबिधि देहिं असीस।
सदा सोहागिनि होहु तुम्ह जब लगि महि अहि सीस॥117॥

भावार्थ:

वे अत्यन्त प्रेम से सीताजी के पैरों पड़कर बहुत प्रकार से आशीष देती हैं (शुभ कामना करती हैं), कि जब तक शेषजी के सिर पर पृथ्वी रहे, तब तक तुम सदा सुहागिनी बनी रहो,॥117॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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