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स्तुति चालीसा संग्रह | Collection of Stuti Chalisa

अप्रमेय स्तोत्रं | नमोऽप्रमेयाय वरप्रदाय सौम्याय नित्याय रघोत्तमाय

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अप्रमेय स्तोत्रं

नमोऽप्रमेयाय वरप्रदाय सौम्याय नित्याय रघोत्तमाय ।
वीराय धीराय मनोपराय देवाधिदेवाय नमो नमस्ते ॥ १॥

भवाब्धिपूतं भुवनैकनाथं कृपासमुद्रं शरदिन्दुवासम् ।
देवाधिदेवं प्रणतैकबन्धुं नमामि ओमीश्वरमप्रमेयम् ॥ २॥

अप्रमेयाय देवाय दिव्यमङ्गलमूर्तये ।
वरप्रदाय सौम्याय नमः कारुण्यरूपिणे ॥ ३॥

आस्तिकार्थित कल्पाय कौस्तुभालङ्कृतोरसे ।
ज्ञानशक्त्यादिपूर्णाय देवदेवाय ते नमः ॥ ४॥

अप्रमेयाय देवाय मेघश्यामल मूर्तये ।
विश्वम्भराय नित्याय नमस्तेऽनन्तशक्तये ॥ ५॥

भक्तिवर्धनवासाय पद्मवल्लिप्रियाय च ।
अप्रमेयाय देवाय नित्यश्री नित्यमङ्गलम् ॥ ६॥

इति अप्रमेयस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।

 

 


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Shiv

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