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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

अब कृपाल मोहि सो मत भावा। सकुच स्वामि मन जाइँ न पावा॥ प्रभु पद सपथ कहउँ सति भाऊ। जग मंगल हित एक उपाऊ॥4॥

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चौपाई

अब कृपाल मोहि सो मत भावा। सकुच स्वामि मन जाइँ न पावा॥
प्रभु पद सपथ कहउँ सति भाऊ। जग मंगल हित एक उपाऊ॥4॥

भावार्थ:

हे कृपालु! अब तो वही मत मुझे भाता है, जिससे स्वामी का मन संकोच न पावे। प्रभु के चरणों की शपथ है, मैं सत्यभाव से कहता हूँ, जगत के कल्याण के लिए एक यही उपाय है॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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