अस बिचारि गुहँ ग्याति सन कहेउ सजग सब होहु। हथवाँसहु बोरहु तरनि कीजिअ घाटारोहु॥189॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
द्वितीय सोपान | Descent Second
श्री अयोध्याकाण्ड | Shri Ayodhya-Kand
दोहा :
अस बिचारि गुहँ ग्याति सन कहेउ सजग सब होहु।
हथवाँसहु बोरहु तरनि कीजिअ घाटारोहु॥189॥
भावार्थ:
ऐसा विचारकर गुह (निषादराज) ने अपनी जाति वालों से कहा कि सब लोग सावधान हो जाओ। नावों को हाथ में (कब्जे में) कर लो और फिर उन्हें डुबा दो तथा सब घाटों को रोक दो॥189॥
English :
IAST :
Meaning :