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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

कंदर खोह नदीं नद नारे। अगम अगाध न जाहिं निहारे॥ भालु बाघ बृक केहरि नागा। करहिं नाद सुनि धीरजु भागा॥4॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

कंदर खोह नदीं नद नारे। अगम अगाध न जाहिं निहारे॥
भालु बाघ बृक केहरि नागा। करहिं नाद सुनि धीरजु भागा॥4॥

भावार्थ:

पर्वतों की गुफाएँ, खोह (दर्रे), नदियाँ, नद और नाले ऐसे अगम्य और गहरे हैं कि उनकी ओर देखा तक नहीं जाता। रीछ, बाघ, भेड़िये, सिंह और हाथी ऐसे (भयानक) शब्द करते हैं कि उन्हें सुनकर धीरज भाग जाता है॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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