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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

कनकहिं बान चढ़इ जिमि दाहें। तिमि प्रियतम पद नेम निबाहें॥ भरत बचन सुनि माझ त्रिबेनी। भइ मृदु बानि सुमंगल देनी॥3॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

कनकहिं बान चढ़इ जिमि दाहें। तिमि प्रियतम पद नेम निबाहें॥
भरत बचन सुनि माझ त्रिबेनी। भइ मृदु बानि सुमंगल देनी॥3॥

भावार्थ:

जैसे तपाने से सोने पर आब (चमक) आ जाती है, वैसे ही प्रियतम के चरणों में प्रेम का नियम निबाहने से प्रेमी सेवक का गौरव बढ़ जाता है। भरतजी के वचन सुनकर बीच त्रिवेणी में से सुंदर मंगल देने वाली कोमल वाणी हुई॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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