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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

कह अंगद सलज्ज जग माहीं। रावन तोहि समान कोउ नाहीं॥ लाजवंत तव सहज सुभाऊ। निज मुख निज गुन कहसि न काऊ॥3॥

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चौपाई : 

कह अंगद सलज्ज जग माहीं। रावन तोहि समान कोउ नाहीं॥
लाजवंत तव सहज सुभाऊ। निज मुख निज गुन कहसि न काऊ॥3॥

भावार्थ:

अंगद ने कहा- अरे रावण! तेरे समान लज्जावान्‌ जगत्‌ में कोई नहीं है। लज्जाशीलता तो तेरा सहज स्वभाव ही है। तू अपने मुँह से अपने गुण कभी नहीं कहता॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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