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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

काहूँ बैठन कहा न ओही। राखि को सकइ राम कर द्रोही ॥ मातु मृत्यु पितु समन समाना। सुधा होइ बिष सुनु हरिजाना॥3॥

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चौपाई

काहूँ बैठन कहा न ओही। राखि को सकइ राम कर द्रोही ॥
मातु मृत्यु पितु समन समाना। सुधा होइ बिष सुनु हरिजाना॥3॥

भावार्थ:

(पर रखना तो दूर रहा) किसी ने उसे बैठने तक के लिए नहीं कहा। श्री रामजी के द्रोही को कौन रख सकता है? (काकभुशुण्डिजी कहते हैं-) है गरुड़ ! सुनिए, उसके लिए माता मृत्यु के समान, पिता यमराज के समान और अमृत विष के समान हो जाता है॥3॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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