चला कटकु प्रभु आयसु पाई। को कहि सक कपि दल बिपुलाई॥5॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
षष्ठः सोपानः | Descent 6th
श्री लंकाकाण्ड | Shri Lanka Kand
चौपाई :
चला कटकु प्रभु आयसु पाई।
को कहि सक कपि दल बिपुलाई॥5॥
भावार्थ:
प्रभु श्री रामचंद्रजी की आज्ञा पाकर सेना चली। वानर सेना की विपुलता (अत्यधिक संख्या) को कौन कह सकता है?॥5॥
English :
IAST :
Meaning :