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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

जग पतिब्रता चारि बिधि अहहीं। बेद पुरान संत सब कहहीं॥ उत्तम के अस बस मन माहीं। सपनेहुँ आन पुरुष जग नाहीं॥6॥

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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
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चौपाई

जग पतिब्रता चारि बिधि अहहीं। बेद पुरान संत सब कहहीं॥
उत्तम के अस बस मन माहीं। सपनेहुँ आन पुरुष जग नाहीं॥6॥

भावार्थ:

जगत में चार प्रकार की पतिव्रताएँ हैं। वेद, पुराण और संत सब ऐसा कहते हैं कि उत्तम श्रेणी की पतिव्रता के मन में ऐसा भाव बसा रहता है कि जगत में (मेरे पति को छोड़कर) दूसरा पुरुष स्वप्न में भी नहीं है॥6॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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