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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

जनक राज गुन सीलु बड़ाई। प्रीति रीति संपदा सुहाई॥ बहुबिधि भूप भाट जिमि बरनी। रानीं सब प्रमुदित सुनि करनी॥4॥

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चौपाई : 

जनक राज गुन सीलु बड़ाई। प्रीति रीति संपदा सुहाई॥
बहुबिधि भूप भाट जिमि बरनी। रानीं सब प्रमुदित सुनि करनी॥4॥

भावार्थ:

राजा जनक के गुण, शील, महत्व, प्रीति की रीति और सुहावनी सम्पत्ति का वर्णन राजा ने भाट की तरह बहुत प्रकार से किया। जनकजी की करनी सुनकर सब रानियाँ बहुत प्रसन्न हुईं॥4॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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