जे प्राकृत कबि परम सयाने। भाषाँ जिन्ह हरि चरित बखाने॥ भए जे अहहिं जे होइहहिं आगें। प्रनवउँ सबहि कपट सब त्यागें॥3॥
श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
श्रीजानकीवल्लभो विजयते | Shri JanakiVallabho Vijayte
श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
प्रथम सोपान | Descent First
श्री बालकाण्ड | Shri Bal-Kanda
चौपाई 13.3| Caupai 13.3
जे प्राकृत कबि परम सयाने।
भाषाँ जिन्ह हरि चरित बखाने॥
भए जे अहहिं जे होइहहिं आगें। प्रनवउँ सबहि कपट सब त्यागें॥3॥
भावार्थ:-जो बड़े बुद्धिमान प्राकृत कवि हैं, जिन्होंने भाषा में हरि चरित्रों का वर्णन किया है, जो ऐसे कवि पहले हो चुके हैं, जो इस समय वर्तमान हैं और जो आगे होंगे, उन सबको मैं सारा कपट त्यागकर प्रणाम करता हूँ॥3॥
jē prākṛta kabi parama sayānē. bhāṣāom jinha hari carita bakhānē..
bhaē jē ahahiṃ jē hōihahiṃ āgēṃ. pranavauom sabahiṃ kapaṭa saba tyāgēṃ..
Even those poets of supreme wisdom who belong to the Prakrta or popular class (as opposed to the Samskrta or the cultured class), who have narrated the exploits of Sri Hari in the spoken language, including those who have flourished in the past, those who are still living and those who are yet to come, I reverence them, one and all, renouncing all false appearance.