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इंटरनेट पर श्रीरामजी का सबसे बड़ा विश्वकोश | RamCharitManas Ramayana in Hindi English | रामचरितमानस रामायण हिंदी अनुवाद अर्थ सहित

मानस पद संग्रह

जो नाघइ सत जोजन सागर। करइ सो राम काज मति आगर॥ मोहि बिलोकि धरहु मन धीरा। राम कृपाँ कस भयउ सरीरा॥1॥

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श्रीगणेशायनमः | Shri Ganeshay Namah
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श्रीरामचरितमानस | Shri RamCharitManas
चतुर्थ: सोपान | Descent 4th
श्री किष्किंधाकांड | Shri kishkindha-Kand

 

चौपाई

जो नाघइ सत जोजन सागर। करइ सो राम काज मति आगर॥
मोहि बिलोकि धरहु मन धीरा। राम कृपाँ कस भयउ सरीरा॥1॥

भावार्थ:

जो सौ योजन (चार सौ कोस) समुद्र लाँघ सकेगा और बुद्धिनिधान होगा, वही श्री रामजी का कार्य कर सकेगा। (निराश होकर घबराओ मत) मुझे देखकर मन में धीरज धरो। देखो, श्री रामजी की कृपा से (देखते ही देखते) मेरा शरीर कैसा हो गया (बिना पाँख का बेहाल था, पाँख उगने से सुंदर हो गया) !॥1॥

 

    English :

 

 

IAST :

 

 

Meaning :


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Shiv

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